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Iron Dome: हमास कर रहा रॉकेट की बारिश, इजरायली 'लौह कवच' आयरन डोम यूं कर रहा तबाह

 Iron Dome: हमास कर रहा रॉकेट की बारिश, इजरायली 'लौह कवच' आयरन डोम यूं कर रहा तबाह

Iron Dome System: इजरायल और फलस्‍तीनी उग्रवादी गुट हमास के बीच भीषण वार-पलटवार जारी है। इस हमले में 109 फलस्तीनियों की मौत हुई है। उधर, इजरायल ने भी कहा कि उसके 7 नागरिक मारे गए हैं। इजरायल के आयरन डोम के सामने हमास का हमला बेकार साबित हो रहा है।

Iron Dome: हमास कर रहा रॉकेट की बारिश, इजरायली 'लौह कवच' आयरन डोम यूं कर रहा तबाह

इजरायल और फलस्‍तीन के बीच जंग जैसे हालात बन गए हैं। फलस्‍तीनी उग्रवादी गुट हमास ने अब तक इजरायल पर 1700 से ज्‍यादा रॉकेट दागे हैं। इनमें से ज्‍यादातर रॉकेट को इजरायल के आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम ने तबाह कर दिया है। हमास इस बार इजरायल के शहरों यरुशलम और तेल अवीव को निशाना बनाने के लिए अपने नए रॉकेट अयाश का इस्‍तेमाल कर रहा है। बताया जाता है कि यह रॉकेट करीब 250 किलोमीटर तक मार सकता है। हमास के इस रॉकेट की बारिश का इजरायल के ऊपर कोई खास असर नहीं पड़ा। इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि इजरायल का लौह कवच कहे जाने वाले आयरन डोम सिस्‍टम ने हमास के 90 फीसदी रॉकेट को बीच रास्‍ते में ही मार गिराया। आइए जानते हैं क्‍या है आयरन डोम सिस्‍टम जो अभेद्य दीवार बन गया है...

​इजरायल की आन-बान और शान का प्रतीक है आयरन डोम


साल 1991 में इराक ने अपनी स्‍कड मिसाइलों को इजरायल के तेलअवीव शहर पर दाग दिया था। इजरायल पर मंडराते इस बड़े खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने तत्‍काल अपनी पैट्रियट मिसाइलों को लॉन्‍च किया और सद्दाम हुसैन की स्‍कड मिसाइलों को बीच रास्‍ते में ही मार गिराया था। करीब 30 साल बाद एक बार फिर से इजरायल पर भीषण हमला हुआ। हमास ने इजरायल पर 1750 से ज्‍यादा रॉकेट दागे लेकिन इजरायली सुरक्षा बलों ने इस हमले को अपने देश में ही विकसित आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम से बर्बाद कर दिया। आयरन डोम सिस्‍टम इजरायल के लिए आन-बान और शान का प्रतीक है जिसका मुरीद अब अमेरिका भी हो गया है और वह इसको खरीद रहा है। इसे दुनिया का बेस्‍ट एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम कहा जाता है। 'आयरन डोम' एक छोटी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे रॉकेट, तोपखाने और मोर्टारों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इजरायल का यह सिस्‍टम कई बार अपनी सफलता से दुनिया को हैरत में डाल चुका है।


जाने कैसे काम करता है इजरायली आयरन डोvम


आयरन डोम रक्षा प्रणाली हर मौसम में काम कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रेंज और निशाने पर लिए गए क्षेत्र की दिशा की जांच करता है और वॉर्निंग सायरन बजाता है। सायरन बजने के बाद स्थानीय लोगों के पास सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए 30 से 90 सेकंड का समय होता है। इसके बाद आयरन डोम अपने रेडॉर की मदद से हमले का अंदाजा लगाते हुए 'आयरन डोम' ऑपरेटर्स काउंटर मिसाइल लॉन्च करता है और रॉकेट को हवा में नष्ट कर देता है। आयरन डोम के प्रत्‍येक लॉन्‍चर में 20 इंटरसेप्‍टर मिसाइलें होती हैं। इन मिसाइलों में रॉकेट और मिसाइलें को सूंघने की बेजोड़ क्षमता होती है। यह 70 किमी की ऊंचाई तक रॉकेट हमले को बर्बाद कर देता है। हालां‍कि इजरायल को इसकी भारी कीमत भी चुकानी पड़ती है। उसे प्रत्‍येक इंटरसेप्‍टर मिसाइल पर 50 हजार डॉलर खर्च करना पड़ता है। इजरायल ने हमले के खतरे को देखते हुए पूरे देश में अज्ञात जगहों पर आयरन डोम सिस्‍टम की बैटरी को तैनात कर रखा है।

​वर्ष 2011 से इजरायल की रक्षा कर रहा है आयरन डोम


इजरायल ने वर्ष 2011 में पहली बार आयरन डोम सिस्‍टम को तैनात किया था। वर्ष 2006 में इजरायल-लेबनान युद्ध के बाद इजरायल सरकार ने इस सिस्‍टम को बनाने का ऐलान किया था। इजरायल-लेबनान युद्ध में हिज्‍बुल्‍ला ने हजारों की तादाद में रॉकेट इजरायल पर दागे थे। इस हमले से सबक लेते हुए इजरायल ने आयरन डोम सिस्‍टम को बनाने का फैसला किया था। आयरन डोम सिस्‍टम का निर्माण इजरायल के राफेल अडवांस्‍ड डिफेंस सिस्‍टम ने किया था। इसमें उसकी इजरायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज ने भी मदद की है। राफेल कंपनी का दावा है कि आयरन डोम 90 फीसदी हमलों को रोकने में सक्षम है। इसका एक मोबाइल वर्जन भी है जो सेना, उद्योगों और प्रशासनिक इमारतों को हवाई सुरक्षा देने का काम करता है। आयरन डोम का नौसैनिक वर्जन भी है जो समुद्र में इजरायली जहाजों को सुरक्षा प्रदान करता है। आयरन डोम दिन और रात दोनों ही समय काम करने में सक्षम है। इजरायल अमेरिका के लिए भी एक आयरन डोम बना रहा है जिसका नाम स्‍काई हंटर दिया गया है।

  

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